किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया और किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च

किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के दौरान, रोगी की ख़राब किडनी को डोनर की स्वस्थ किडनी से बदल दिया जाता है। नई, डोनेट  की गई किडनी वह काम करती है जो आपकी दो किडनी करती थी। किडनी ट्रांसप्लांट किडनी विफलता का एक इलाज है। आपको हर दिन दवाइयां लेने की आवश्यकता होगी यह सुनिश्चित करने के लिए की आपका इम्यून सिस्टम नई किडनी को एक्सेप्ट कर सके। आपको नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने की आवश्यकता होगी।दिल्ली में किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च हॉस्पिटल की सर्विसेज और सुविधाओं पे निर्भर करता है।

किडनी डायलिसिस के मुकाबले ट्रांसप्लांट की हुई किडनी ज्यादा अच्छे से काम करती है। हालाँकि, सभी रोगियों के लिए किडनी ट्रांसप्लांट नहीं होता है। किडनी ट्रांसप्लांट आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। 

किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया क्या है?

यदि आप किडनी ट्रांसप्लांट चाहते हैं, तो प्रक्रिया में ये चरण शामिल हैं:

अपने डॉक्टर को बताएं कि आप किडनी ट्रांसप्लांट कराना चाहते हैं।

डॉक्टर आपको ट्रांसप्लांट सेंटर भेजेगा कुछ टेस्ट्स के लिए की आपकी हेल्थ ट्रांसप्लांट रिसीव करने योग्य है या नहीं । डोनर को भी यह टेस्ट करवाना पड़ता है की वह किडनी डोनेट कर सकता है या नहीं।

यदि आपके पास कोई भी डोनर नहीं है तो आपको किडनी रिसीविंग वाली वेटिंग लिस्ट में रखा जायेगा। जब तक आपको डोनर नहीं मिलता है तब तक आपके हर महीने ब्लड टेस्ट होते रहेंगे। यदि आपके पास डोनर है तो आप पहले से किडनी ट्रांसप्लांट  को शेड्यूल कर सकते हैं।

किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी

किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के दौरान, सर्जन रोगी के शरीर में एक स्वस्थ किडनी रखता है। सर्जरी से पहले रोगी को एक एनेस्थीसिया दिया जाता है। सर्जरी में आमतौर पर 3 या 4 घंटे लगते हैं। सर्जन आमतौर पर गुर्दे के पास निचले पेट में किडनी ट्रांसप्लांट करते हैं।

यदि आप डोनर किडनी की प्रतीक्षा सूची में हैं, तो जैसे ही आपको पता चलता है कि किडनी उपलब्ध है, आपको अपनी ट्रांसप्लांट सर्जरी कराने के लिए अस्पताल जाना चाहिए।

सर्जिकल टीम एक ही समय में आपपे  और आपके किडनी डोनर पर काम करेगी, आमतौर पर अगल-बगल के कमरों में। एक सर्जन डोनर से किडनी को हटा देगा, जबकि दूसरा सर्जन आपको दान किए गए किडनी को प्राप्त करने के लिए तैयार करता है।

कैसे पता चलेगा कि नई किडनी काम कर रही है?

ब्लड टेस्ट्स से आपको यह पता चलता है कि  नई किडनी काम कर रही है। अस्पताल छोड़ने से पहले, आपकी ट्रांसप्लांट सेण्टर में ब्लड टेस्ट के लिए अपॉइंटमेंट बुक की जाती है। टेस्ट्स से पता चलता है कि आपकी किडनी आपके रक्त से कचरे को कितनी अच्छी तरह निकाल रहे हैं।

शुरुवात में आपको ट्रांसप्लांट केंद्र पर नियमित जांच और ब्लड टेस्ट करवाने की आवश्यकता होगी। जैसे जैसे समय बीतता जायेगा, चेकअप कम हो जायेंगे।

आपके ब्लड टेस्ट्स से यह भी पता चलता है कि आपकी किडनी आपके रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को नहीं निकाल पा रही है जैसे होना चाहिए। इससे यह भी पता चल सकता है की आपका शरीर नयी किडनी को स्वीकार कर पा रहा है या नहीं । यदि ये सब लक्षण मिलते है , तो किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन या नेफ्रोलॉजिस्ट गुर्दे की बायोप्सी का आदेश दे सकते हैं।

किडनी प्रत्यारोपण के बाद संभावित समस्याएं क्या हैं?

दान की गई किडनी तुरंत काम करना शुरू कर सकती है या यूरिन बनाने में कुछ सप्ताह तक का समय ले सकती है। यदि नई किडनी तुरंत काम करना शुरू नहीं करती है, तो आपको अपने शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त नमक और तरल पदार्थ को फ़िल्टर करने के लिए डायलिसिस उपचार की आवश्यकता होगी, जब तक यह काम करना शुरू नहीं करता।

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद की अन्य समस्याएं पैल्विक सर्जरी के समान हैं और इसमें शामिल हो सकती हैं-

खून का बहना 

संक्रमण, विशेष रूप से मूत्राशय का संक्रमण

हरनिया

दर्द या सुन्नता भीतरी जांघ के साथ जो आमतौर पर उपचार के बिना चली जाती है

ट्रांसप्लांट रिजेक्शन की सम्भावना बहुत काम होती है और इसे होने में दिन या सप्ताह लग सकते हैं। जब नई किडनी जीवित डोनर से होती है तो मृतक डोनर की तुलना में रिजेक्शन कम होता है।

किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च (Kidney Transplant ka Kharch)

दिल्ली में किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च अलग – अलग हॉस्पिटल में भिन्न होता है जो की उनकी सर्विसेज पे निर्भर करता है। इसका मिनिमम खर्च 5 लाख है। किडनी ट्रांसप्लांट के कॉस्ट की तुलना के लिए या किसी भी अन्य जानकारी के लिए आप 8010994994 पर क्रेडीहेल्थ मेडिकल एक्सपर्ट को कॉल कर सकते हैं।